उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आज यानि मंगलवार को विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों ने सचिवालय कूच किया। इन सरकारी कर्मचारियों की 18 सूत्री मांगों को लेकर बनाए साझा मंच उत्तराखंड अधिकारी–कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति को पुलिस ने सैंट जोजफ्स के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। वहीँ, कर्मचारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात करने की मांग कर रहे थे। आपको बता दें आजकी इस महारैली के लिए ज्यादातर विभागों और निगमों से जुड़े कर्मचारी प्रदेशभर से देहरादून पहुंचे, जिसमे कलक्ट्रेट, तहसील, जल संस्थान, आरटीओ, विकास भवन, पेयजल निगम, उद्यान, पशुपालन, कृषि विभाग और रोडवेज आदि के कर्मचारी शामिल हुए हैं।

आपको बता दे की राज्य कर्मचारी, शिक्षक व अधिकारियों के साझा मंच के तहत प्रदेशभर में आंदोलन को लेकर पहले चरण में सभी सरकारी दफ्तरों में गेट मीटिंग की गई। इस दौरान समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से वार्ता भी की, लेकिन उचित भरोसा दिए जाने के बावजूद शासन ने समिति की मांगों पर गौर नहीं किया। दूसरे चरण में समिति ने सभी जिलों में धरना–प्रदर्शन किया व तीसरे चरण में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और कर्मचारियों के बीच एक अक्टूबर को वार्ता हुई। लेकिन उस वार्ता में भी सकारात्मक हल नहीं निकलने की वजह से समिति ने अपनी पूर्व प्रस्तावित महारैली को यथावत रखते हुए मंगलवार को सरकार के खिलाफ सचिवालय पर प्रदर्शन की बात कही है। प्रदेश स्तरीय हुंकार महारैली के बाद समिति बेमियादी हड़ताल करने का ऐलान भी कर सकती है।
ये है कर्मचारियों की प्रमुख मांगे –
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों/शिक्षकों/निगम/निकाय/पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।
2-राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएसएस की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाये। तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 फीसद कटौती कम की जाए।
3-पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल की जाए।
4-केन्द्र सरकार की भांति प्रदेश के कार्मिकों के लिए 11 फीसद मंहगाई भत्ते की घोषणा शीघ्र की जाए।
5-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
6-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाए। तथा एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाए।
7-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
8-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
9-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
10-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।