
अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, संदेह के घेरे में शिष्य नरेंद्र गिरी, पुलिस जुटी जांच में
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है….महंत नरेंद्र गिरी का शव प्रयागराज में बाघमबरी मठ के एक कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला जिसके बाद उनकी इस संदिग्ध मौत से कई सवाल खडे हो रहे हैं….महंत नरेंद्र गिरी का निरंजनी अखाड़े से संबंध रखते थे…आपको ये भी बता दें कि कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसे वसीयत नामा भी कहा जा रहा हैं….पुलिस ने इस पूरे मामले में उनके एक शिष्य आनंद गिरि को उत्तराखंड के हरिद्वार से हिरासत में भी लिया है…आपको बता दें कि जब नरेंद्र गिरी के निधन की खबर आई तब सबसे पहले आनंद गिरी ने ही शक जताया था कि उन्होंने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उनकी हत्या हुई है…लेकिन पुलिस के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में आनंद गिरि का नाम लिखा था इसी वजह से उन्हे हिरासत में लिया गया है…इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है….आपको बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद भारत में संतो कें 13 अखाड़ों का एक संगठन है…जिसमें वो निर्मोही अखाड़ा भी शामिल है जिसकी राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका रही है…नरेंद्र गिरि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे इसलिए उनके निधन की असली वजह हर कोई जानना चाहता है….
क्या था महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरी के बीच विवाद
बताया ये भी जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरि के बीच पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा था.…दोनों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे...नरेंद्र गिरी ने आरोप लगाया था कि आनंद गिरी ने संन्यास तो लिया लेकिन अपने परिवार से अपने संबंधों को समाप्त नहीं किया जो अखाड़ा परंपरा का उल्लंघन है.…वहीं आनंद गिरी ने अपने गुरू पर अखाड़ा परिषद की जमीन की सौदेबाजी का आरोप लगाया था...इसके बाद महंत नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरी को अखाड़े से बाहर कर दिया था…जिसके बाद इसी साल मई 2021 में आनंद गिरि ने महंत गिरि के पांव पकड़कर सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली थी...और उन्हें अखाड़े में एक बार फिर शामिल कर लिया गया लेकिन आनंद गिरी की गिरफ्तारी से इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है..