
दिव्य भव्य और विशाल महाकुंभ में अखाड़ों का विशेष योगदान होता है और ऐसा माना जाता है कि कुंभ मेले के दौरान शाही स्नान में अखाड़ों के इन्ही संतों महात्माओं के रूप में देवता भी शाही स्नान में स्नान करते हैं । पंचायती अखाड़ा निरंजनी के इष्ट भगवान कार्तिकेय हैं और ये अखाड़ा दूसरे सभी अखाड़ों से अधिक प्राचीन एवं समृद्ध भी कहा जाता है । निरंजनी अखाड़ा एक ऐसा अखाड़ा है जिसमें पढ़े लिखे साधू हैं । डॉक्टर, इंजीनियर अधिवक्ता और बैंकर्स इस अखाड़े में महंत, महंत और महामण्डलेश्वर हैं । निरंजनी अखाड़े की विशेषता है कि यहाँ सन्यास परंपरा में शामिल करने से पहले पात्र की पात्रता के विषय में गहन चिंतन किया जाता है और उसका साक्षात्कार किया जाता है ।

विगत 2021 में हरिद्वार कुंभ के दौरान सबसे पहले और सबसे अनुशासन में स्नान करने वाला निरंजनी अखाड़ा स्वयं में 13 अखाड़ों के मध्य एक अलग स्थान रखता है । भव्य तौर पर निकाली गई अखाड़े की पेशवाई के दौरान भी अखाड़े के साधुओं का अनुशासन देखने को मिला ।
