
खबर देहरादून से है-
देहरादून : श्रीमती बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) को उत्तराखंड का नया राज्यपाल बनाया गया है। चार दशक तक शानदार सैन्य सेवा के बाद उत्तराखंड के राज्यपाल बने गुरमीत सिंह को सभी गणमान्य नेताओं ने बधाई दी है। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह शुक्रवार से शनिवार के बीच राज्यपाल का चार्ज संभाल सकते हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह मशहूर डिफेंस एक्सपर्ट हैं। रक्षा और विदेश नीति से संबंधित मामलों में उन्हें महारत हासिल है। सिंह पूर्व डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, श्रीनगर में कॉर्प्स कमांडर, डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी डीजीएमओ जैसे अहम पदों पर रहे हैं। भारतीय सेना में रहते हुए उनकी बेहतरीन सेवा के लिए उन्हें चार बार राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया। जिसमें दो गैलेंट्री और दो चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन अवॉर्ड शामिल हैं। उन्हें चीन मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। अब उत्तराखंड के राज्यपाल बनाये जाने पर लोग इसके कई मायने निकाल रहे हैं लेकिन बॉर्डर से सट्टे प्रदेश होने के लिहाज से उनका राज्यपाल नियुक्त होना देश प्रदेश के लिए कई बेहद महत्वपूर्ण है।
बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को उत्तराखंड के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही कयासों का भी दौर शुरू हो गया था।
बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद सेना के पूर्व उपाध्यक्ष और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया है। चीन मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले अलंकृत लेफ्टिनेंट जनरल सिंह करीब चार दशकों तक सैन्य सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेवानिवृत्त हुए। सेना में मिलीटरी ऑपरेशन के अतिरिक्त महानिदेशक रहते हुए उन्होंने चीन से संबंधित सैन्य रणनीतिक मुद्दे को भी संभाला। सेना की सेवा के दौरान वह कई अहम विशेषज्ञ समूह का हिस्सा रहे। चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य राजनयिक वार्ता में उन्होंने सात बार हिस्सा लिया।
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को दिया था इस्तीफा
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के साथ ही इस बात पर चर्चा शुरू हो गई थी कि उत्तराखंड का अगला राज्यपाल कौन होगा।
बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त 2018 को उत्तराखंड की राज्यपाल का पद ग्रहण किया था। बीते 26 अगस्त को ही उन्होंने तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। बताया गया कि भाजपा यूपी विधानसभा चुनाव में उनका उपयोग कर सकती है।
गौरतलब है कि मौर्य का यूपी के आगरा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव रहा है। वह आगरा की महापौर रह चुकी हैं। 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रह चुकी हैं। ऐसे में कयास हैं कि उन्हें विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।